ठाणे : महाराष्ट्र, ठाणे जिल्हा शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के चाहनेवालों ने, जन्मदिन के दो दिन पहले ही शिंदे के बड़े-बड़े बैनर लगा दिए जिसमें एकनाथ शिंदे के फोटो के नीचे बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था भावी मुख्यमंत्री जन्मदिन बीतने से पहल ही कुछ घंटों में वह पोस्टर उतारने पड़ गये।
ठाणे जिल्हा प्रमुख एकनाथ शिंदे के मन में चल रहा मुख्य मंत्री बनने का सपना आखिर जन्मदिन के दो दिन पहले बाहर धरातल पर आ गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि ठाणे शहर में जगह-जगह भावी मुख्यमंत्री लिखा हुआ दिखाई देने लगा। यह और बात है की जन्मदिन की बेला आने से पहले ही वह पोस्टर उतारने पड़ गये।
मेरा मानना है कि इसमें शिंदे की कोई गलती नहीं है बार बार मुख्यमंत्री पद उनके सामने आकर सरक जाता रहा है। 2014 के चुनाव के बाद शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया गया और 2019 में भी विधायक दल का नेता बनाया गया परंतु मुख्यमंत्री बनने की बारी आयी तो उद्धव ठाकरे ने अपनी गर्दन आगे कर वह माला पहन ली और आगे आयी हुई थाली शिंदे के आगे से जैसे किसी ने खींच ली हो ऐसा उनको लगा और वे मन मसोस के रह गये।
यही नहीं 2019 चुनाव के बाद बीच में सुगबुगाहट थी की शिवसेना के कुछ 20 विधायक टूट कर भाजपा के साथ जा सकते हैं और सरकार बना सकते हैं। उसका भी नेतृत्व शिंदे ही कर रहे थे यह भी चर्चा में था, सच अब सामने आ गया।
वैसे भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं रहती और वे ज्यादातर बाहर नहीं निकलते, कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते। यह और बात है कि मुख्यधारा की मिडिया उनको भारत का प्रथम क्रमांक का मुख्यमंत्री कहती है। अब भावी मुख्यमंत्री की चर्चा का क्या कारण है? क्या उद्धव बूढ़े हो गये हैं इसलिए उनको सेवानिवृत्ति देने की योजना है? या फिर मुख्यधारा की मिडिया निष्प्रभावी मुख्यमंत्री को अब तक प्रभावी मुख्यमंत्री बताकर लोगों को गुमराह कर रही थी। वह पोल जन्मदिन के पहले विधायक एकनाथ शिंदे ने खोलकर रख दी। शिंदे का आवाहन है कि शिवसैनिकों को अब बांद्रा जाने की जरूरत नहीं ठाणे में भी शिवसैनिकों को न्याय मिलेगा, इस ओर भी देखो मुझमें भी अगला प्रमुख बनने की काबिलियत और क्षमता है? यह और बात है कि अनमने मन से पोस्टर दबाव के चलते उतरवाने पड़े।
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