26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर मोहन सबर्बिया रहवासी करेंगे आमरण अनशन!
अंबरनाथ - महाराष्ट्र, ठाणे जिले के अंबरनाथ में मोहन समूह द्वारा निर्मित मोहन सबर्बिया इमारत संकुल के 12 सौ फ्लैट धारकों ने भवन निर्माताओं द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी, वादा खिलाफी व मनमानी के खिलाफ 26 जनवरी 2022, गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमरण अनशन करने की मांग स्थानीय पुलिस व नपा प्रशासन से कर बिगुल फूंक दिया है।
ज्ञात हो कि अम्बरनाथ पश्चिम फादर एंजल स्कुल के पास मोहन ग्रुप लाइफस्टाइल नामक इमारत में उल्हासनगर के व्यापारी, समाजसेवी मनोहर वज़ीरानी ने 4 वर्ष पहले फ्लैट खरीदा था। शुरुआत से ही इमारत में सुविधाओं की कमी थी। 625 फ्लेट धारकों में से 2 सौ फ्लेट धारक परेशान थे। पानी की किल्लत के कारण महिलाओं ने कई बार मोर्चा भी निकाला था। नाप में चोरी, दिए रुपये अनुसार क्षेत्रफल मकान में न देना, पानी लीकेज, मेंटेनेंस का हिसाब बिल्डर द्वारा न देना, सोसायटी रजिस्ट्रेशन के लिये जरूरी कागजात न देना इस तरह की अनेकों गड़बड़ियों के कारण बिल्डर द्वारा इमारतवासियों को तकलीफ़ दिया गया है। समझाने व बात करने के बावजूद बिल्डर मान नही रहा था। तब स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दी गयी, शिकायत के बावजूद बिल्डर पर कोई असर ना होता देख मनोहर वज़ीरानी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मा. न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को तहकीकात कर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अनुसार मामला दर्ज करने का आदेश दिया। आदेश के बाद 29 फरवरी 2020 को अम्बरनाथ पुलिस स्टेशन में मोहन ग्रुप के भवन निर्माता जितेंद्र मोहनदास लालचंदानी, अमित गांधी, दीपक मनचंदा और एक अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 407, 415 और महाराष्ट्र सदनिका अधिनियम मोपा 6, 10 व 11 अनुसार एफआईआर दर्ज की गई, 2 साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और बिल्डर की मनमानी आज भी बदस्तूर जारी है। पुलिस प्रशासन, स्थानीय समाजसेवी, लोकप्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें हुयी परंतु बिल्डर अपनी मनमानी पर आमादा है। वह किसी की सुनने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा है।
न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने पर दर्ज हुई एफआईआर के बावजूद 2 साल से न्याय न मिलता देख रहवासियों ने 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के दिन को आमरण अनशन करने व न्याय पाने के लिए चुना है। मोहन सबर्बिया इमारत संकुल, मुख्यद्वार के बाहर ही सभी 12 सौ फ्लैट धारक आमरण अनशन पर बैठेंगे ऐसी अनुमति स्थानीय प्रशासन से मांगी गई है। ऐसी जानकारी रहवासियों व याचिकाकर्ता मनोहर वज़ीरानी द्वारा दी गयी।
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