कई मामलों में वांछित व कई मामले न्यायप्रविष्ट होने के बावजूद उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त, महापौर व शहरी विकास मंत्री ने नियम व कानून को ताक पर रखकर ऐसे भ्रष्ट और आचरण विहीन कर्मचारी का बचाव क्योंकर, कर रहे हैं? यह बताने की जरूरत शायद नहीं है। इस ओर तो शहर में धड़ल्ले से चल रहे अवैध टियर गाटर, अवैध इमारतें, पेड़ों की कटाई के अलावा सरकारी भूखण्डों का हड़पा जाना दर्शा रहा है।
उल्हासनगर : महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगर पालिका कर्मचारी गणेश अरविंद शिंपी का चयन उमनपा में दिनांक 10 मई 1999 के दिन लघु लेखक (निम्नश्रेणी) के पदपर महाराष्ट्र शासकीय नागरी सेवा नियमानुसार चयनित किया गया था। 7 मई 2013 को रिश्वत प्रतिबंधक विभाग द्वारा रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गये। 8 मई 2013 को न्यायालय ने 13 मई 2013 तक के लिए पुलिस कोठरी का आदेश सुनाया। गणेश अरविंद शिंपी, लघुलेखक (कार्यरत आयुक्त कार्यालय,उ.म.पा.) इनको महाराष्ट्र नागरी सेवा (अनुशासन व अपील) की धारा 1979 के नियम 4 अनुसार अगले आदेश तक दिनांक 9 मई 2013 से महापालिका सेवासे निलंबित कर दिया गया।
ठाणे पालकमंत्री व शहरीविकास मंत्री एकनाथ शिंदे
तत्पश्चात 16 जुलाई 2014 को निलंबन समीक्षा समिति में लिए गए निर्णय अनुसार विभागीय जांच एवं अंतिम निर्णय के तहत 6/9/2014 को लघु लेखक (उच्च श्रेणी) गणेश शिम्पी को लघु लेखक के रूप में अकार्यकारी पद पर बहाल करने का निर्णय लिया गया। गणेश अरविंद शिंपी
इसी प्रकार गणेश शिंपी के नामपर मध्यवर्ती पोलीस स्टेशन में गु.रजि.नं.|| १४८/२०११,भा.द.सं. की धारा ३०६,३४ अनुसार गु.रजि.नं.||१७७/२०११ भा.द.सं. की धारा ३५४, ५०९, ५०४,५०६/३४ सह.अ.जा.ज.अधि. १९८९ चे कलम ३ (१)(१०)(११)(१२), २(७) के अनुसार विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन गु.रजि.नं. ||१५ /२०१३, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक नियम सन १९८८ की कलम ७,१३(१)(ड)(२) अनुसार इसी तरह हिल लाईन पुलिस स्टेशन में ६८९/२०१५, ४३८/२०१६, ११९९/२०१७ भा.द.सं. की धारा ३२३,५०४,५०६ जैसे 3 अनसुलझे अपराधों और विभिन्न अन्य गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड होने के बावजूद, गणेश शिम्पी, को क्रमशः प्रभाग समिती 3, 4 और 1 के सहायक आयुक्त के रूप में प्रभारी नियुक्त किया गया जो कानून का उल्लंघन ही नहीं अवैध भी है। अनाधिकृत निर्माण में सहायता के लिए रिश्वत लेते समय भ्रष्टाचार विरोधी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बावजूद, इस भ्रष्ट अधिकारी की अनधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग के अधिकारी के पद पर पुन: नियुक्ति भ्रष्टाचार के लिए एक प्रजनन भूमि तैयार करने जैसा ही है।आयुक्त डा.राजा दयानिधि, महापौर लिलाबाई आसान
इसी प्रकार गणेश शिंपी के नामपर मध्यवर्ती पोलीस स्टेशन में गु.रजि.नं.|| १४८/२०११,भा.द.सं. की धारा ३०६,३४ अनुसार गु.रजि.नं.||१७७/२०११ भा.द.सं. की धारा ३५४, ५०९, ५०४,५०६/३४ सह.अ.जा.ज.अधि. १९८९ चे कलम ३ (१)(१०)(११)(१२), २(७) के अनुसार विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन गु.रजि.नं. ||१५ /२०१३, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक नियम सन १९८८ की कलम ७,१३(१)(ड)(२) अनुसार इसी तरह हिल लाईन पुलिस स्टेशन में ६८९/२०१५, ४३८/२०१६, ११९९/२०१७ भा.द.सं. की धारा ३२३,५०४,५०६ जैसे 3 अनसुलझे अपराधों और विभिन्न अन्य गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड होने के बावजूद, गणेश शिम्पी, को क्रमशः प्रभाग समिती 3, 4 और 1 के सहायक आयुक्त के रूप में प्रभारी नियुक्त किया गया जो कानून का उल्लंघन ही नहीं अवैध भी है। अनाधिकृत निर्माण में सहायता के लिए रिश्वत लेते समय भ्रष्टाचार विरोधी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बावजूद, इस भ्रष्ट अधिकारी की अनधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग के अधिकारी के पद पर पुन: नियुक्ति भ्रष्टाचार के लिए एक प्रजनन भूमि तैयार करने जैसा ही है।आयुक्त डा.राजा दयानिधि, महापौर लिलाबाई आसान
तत्कालीन आयुक्त द्वारा तुच्छ और निराधार कारणों द्वारा निर्णय लिया गया था। निर्णय को बरकरार रखा गया और शहर के अनधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग प्रमुख पद उसी भ्रष्ट अधिकारी को सौंप दिया गया । उल्हासनगर के कई लोगों ने 10 दिसंबर को मनपा आयुक्त के पास एक याचिका दायर कर अवैध नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग की गई थी। फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। उमनपा आयुक्त एक जिम्मेदारी भरा पद है। आयुक्त का यह कर्तव्य है कि वह सरकार के आदेशों और नियमों का पालन करें और लागू करें, लेकिन चूंकि उन्होंने एक भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृत्ति के कर्मचारी को कार्यकारी पद पर नियुक्ति कर अपनी और उमनपा की छवि दोनों को धूमिल करने में लगे हुए हैं। अगर सरकारी आदेश का पालन करते हुए नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द नहीं की गई तो, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा भूख हड़ताल की चेतावनी देने के बावजूद, उल्हासनगर नगर निगम के आयुक्त और उपायुक्त द्वारा गणेश अरविंद शिम्पी की अवैध नियुक्ति को अभी तक रद्द नहीं किया गया है। इसलिए 23/1/2022 को 11 बजे से प्रभाग समिती-1, के बाहर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया जायेगा। चूंकि मैनुद्दीन शेख अकेले उपवास पर बैठ रहे हैं तो करना का कोई नियम भंग होने का कारण नहीं बनता है। फिर भी उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनके द्वारा कोई नियम भंग नहीं होगा, फिर भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया तो वे जेल में भी अपना उपोषण जारी रखेंगे या तो उनकी मांग पूरी होगी या यह देह लीला ऐसा आव्हान वे सोसल मिडिया पर कर रहे हैं।
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