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मैदान, शौचालय, गली, नाला, नाली के बाद अब नदी पर भी हो रहा है अवैध कब्जा, कौन बचाएगा शहर??

उल्हासनगर की वालधुनी नदी में भराव डालकर हो रहा है कब्जा, क्या होगी कार्रवाई? कौन करेगा कार्रवाई? 
आ.दयानिधि राजा   व    महापौर लिलाबाई आसान 

उल्हासनगर : महाराष्ट्र राज्य, ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर के मध्य से बह रही वालधुनी नदी जिसकी चौड़ाई 80 से 120 मीटर सरकारी दस्तावेजों में दर्शाया गया है, साथ ही नदी के दोनों तरफ के पाटों को जल जमाव (बाढ़रेखा) के लिए 12 मीटर छोड़कर ही कोई निर्माण किया जा सकता है इस तरह का स्पष्ट आदेश प्रशासन द्वारा दिया गया है। बाढ़ रेखा छोड़ने को कौन कहे यहाँ, नदी में भराव डालकर अवैध निर्माण किया जा रहा है और स्थानीय प्रभाग अधिकारी नगर सेवक अपनी जेबें भरकर खामोश हैं।
    नदी में भराव डालकर कब्जा 

उल्हासनगर की वालधुनी नदी के दोनों तरफ के पात्रों पर उल्हासनगर के भूमाफियाओं द्वारा नदी की जगह हड़पने का सिलसिला जोर-शोर से चल रहा है। पहले भी लोगों ने कई बार शिकायतें की है। सैकड़ों अवैध निर्माण हुए परंतु एक भी अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई न होने से भू माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। अब एक और भू-माफिया ने उमनपा पैनल क्र.11 सेक्शन 20 में वालधुनी नदी के पात्र में डेब्रिज़ और मिट्टी भरकर पत्थरों की दीवार बना दिया है।अब वहाँ अवैध व गैरकानूनी रुप से मकान बनाने का प्रयास कर रहा है और वह प्रयास में सफल भी हो सकता है क्योंकि उल्हासनगर मनपा की सत्ता पर भ्रष्ट और लालची लोगों की सत्ता है। यह लोग पैसों की खातिर किसी भी हद तक गिर सकते हैं। इसके अनेकों उदाहरण शहर में मौजूद हैं।
     नाला कब्जा कर बनायी गयी इमारत 

शहर में नालों पर कब्जा 

सी ब्लाक रोड पर चंदर धीरमलानी ने रिपेयरिंग परमिशन लेकर एक प्लाट को घेर लिया और प्लाट के अंदर से बह रहे एक नाले को पाट कर उसपर अवैध निर्माण कर लिया और कोई कुछ न बिगाड़ सका। इसी तरह पैराडाइज नामक नवी मुंबई की एक भवननिर्माता कंपनी ने हरमन मोहता नामक कंपनी में एक बहते हुए नाले को पाट दिया और उस जगह पर 36 मंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है और महापौर, आयुक्त और शहर के सारे नेता, समाज सेवक, नगरसेवकों ने आंखो पर नोटों के बंडल की पट्टी बांधकर महाभारत की गांधारी बन बैठे हैं। उल्हासनगर शहर में पहले नाले नदी कब्जा होने देते हैं और बाढ़ आने पर बाढ़ का रोना रोते हैं। अब देखना यह है कि हर बार की तरह उमनपा शासन-प्रशासन गांधारी बना रहता है या इस बार विषय को गंभीरता से लेकर नदी की जगह हड़पकर दिवार बनाने वालों पर कोई कार्रवाई करता है। उल्हासनगर के लोगों की मांग है कि ऐसी ओछी हरकत करने वाले लोगों पर झोपड़पट्टी दादा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाय।

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