यातायात विभाग के पास दो पहिया वाहन उठाने के संसाधन नहीं हैं, और न ही चेतावनी देने का वसूल।
कमलेश दुबे
उल्हासनगर :उल्हासनगर शहर यातायात विभाग के पास दो पहिया वाहन उठाने के लिए संसाधन नहीं है, और न ही चेतावनी देने का वसूल और समय। डकैतों की तरह उठाया जाता है दो पहिया वाहन।
यातायात उपायुक्त ठाणे बालासाहब पाटिल
उल्हासनगर शहर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोगों को वाहन खड़ा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, बाजार से सामग्री खरीदने के लिए दो चक्का वाहनों को खड़ा किया जाता है। उसी समय एक दो चक्का वाहनों को उठाने वाला वाहन आता इसमें दो नौजवान डाकूओं की तरह कूदकर उतरते हैं, बिना किसी परवाह किए ही दो चक्का वाहन को हाथों से उठाकर अपनी लोडिंग गाड़ी पर चढ़ाकर भाग जाते हैं।
सड़कों के किनारे दो चक्का वाहन खड़ा कर लोग सामान की खरीदारी करने जाते हैं। जिसका फायदा यातायात पुलिस प्रशासन बखूबी उठाता है। वाहन उठाते समय कोई घोषणा नहीं करते न ही इनके पास वाहन उठाने का को साधन है। इस तरह जल्दबाजी में वाहन उठाने से कई बार वाहन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। उनका रंग रगड़कर उतर जाता है। वाहन वापस लेने के लिए पहुंचने पर अनाप-शनाप दंड लगाने की बात करते हैं। और अंत में बिना रसीद के, किसीका फोन आनेपर दो सौ और बिना पहुंच वाले को चार सौ लेकर छोड़ते हैं। मजे की बात यह है कि कार और ट्रकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती भले ही वे लोग रास्ता रोककर खड़े रहें। सामान ढोने वाले वाहन तो हर महीने हफ्ता पहुंचाते हैं, उन पर कार्रवाई का सवाल ही नहीं।
इस तरह की कार्य पद्धति से नहीं लगता है कि यह लोग, लोगों के हितार्थ कार्य कर रहे हैं। लगता है जैसे सरकार ने इन्हें अवैध तरीके से पैसा कमाने का एक जरिया दे दिया हो।
इस तरह की कार्य पद्धति से नहीं लगता है कि यह लोग, लोगों के हितार्थ कार्य कर रहे हैं। लगता है जैसे सरकार ने इन्हें अवैध तरीके से पैसा कमाने का एक जरिया दे दिया हो।
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