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हो सकता है उल्हासनगर 4, 5, के कई क्रिकेट बुकियों, पंटरों का नाम उजागर, होगी पुलिसिया कार्रवाई?

उल्हासनगर भाटिया चौक के पास नवयुवक ने  कर्जदारों की प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या!

उल्हासनगर संवाददाता
क्रिकेट मैच सट्टे की लत में पड़कर भाटिया चौक के पास रहनेवाला नवयुवक कर्ज में डूब गया। कर्जदारों से लिया हुआ रुपया वापस न दे पाने पर प्रताड़ना से परेशान होकर कर लिया आत्महत्या !
              मृतक जितेन्द्र बदलानी 

उल्हासनगर कैम्प 5 के भाटिया चौक परिसर स्थित राजवीर बंगले के सामने काजल कार्नर कोऑपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी की पांचवी मंजिल पर रहनेवाले जितेंद्र बदलानी उम्र 25 ने 16 जून 2021 को अपने रहते घर में खुदकुशी कर ली। कारण बताया जा रहा है, कि युवक क्रिकेट बुकियों के चक्कर में आकर क्रिकेट मैच में सट्टेबाजी करने लगा था। इसी चक्कर में उसने 15,20 प्रतिशत की ब्याज दर पर कुछ रुपया उधार ले लिया था। लिये हुए कर्ज पर ब्याज की दर ज्यादा होने के कारण जितेन्द्र रुपये लौटा नहीं पा रहा था। और रोज रोज की प्रताड़ना से तंग आकर आखिर उसने अपनी जिवन लिला ही समाप्त कर ली। सुत्रो से पता चला है कि कुछ बुकियों और कर्जदाताओं के नाम मृतक ने मृत्यु से पुर्व सादे कागज पर लिखकर रखा था। जो परिवार को मिला है परंतु भारी दबाव के कारण परिवार उजागर नहीं कर रहा है।     आयुक्त जयजीत सिंह, उपायुक्त प्रशांत मोहिते 

उल्हासनगर 4-5 में इस समय 60 से 70 मैच बुकी व पंटर मिलाकर होंगे, और इनके सहयोग के लिए कुछ छुटभैये धनी भी हैं जो 15, 20% की ब्याज दर पर कर्ज देते हैं। इन लोगों ने अपने लठैत पाल रखे हैं। जो कर्जदारों को तरह तरह की प्रताड़ना देने के लिए मशहूर हैं। रुम में बंद कर रात रात भर मारते हैं, और जलती हुई सिगरेट के चटके देते हैं। अग्निपर्व का यह दावा बिल्कुल नहीं है कि जितेंद्र के साथ भी ऐसा हुआ होगा, परंतु ऐसा होता पाया गया है। ऐसे लोगों पर पुलिस नियंत्रण क्यों नहीं करती यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा होगा! बुकी, कर्जदाता हर महीने एक निश्चित रकम हफ्ते के रूप में संबंधित पुलिस स्टेशन को पंहुचा देते हैं। फिर पुलिस आंखें मूंदकर गांधारी का रुप अख्तियार कर लेती है। और ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कुछ सुनना, लिखना पसंद नहीं करती।      हिल लाईन पुलिस निरीक्षक एमके खंडारे 

आज से करीब एक सप्ताह पहले ही विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन की हद से राम और उसके दो साथियों को डोंबिवली विष्णुनगर पुलिस पकड़कर ले गयी थी बाद में उनको खिलाड़ी दिखाकर जमानत दिलवा दी, जबकि वह तीनों सट्टा बुक कर रहे थे ऐसी पुख्ता जानकारी सुत्रों द्वारा अग्निपर्व टाइम्स को मीली है जो हमने अपने पोर्टल पर लिखी थी।

उल्हासनगर शहर को जुए का शहर कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति न होगी यहां के पांचो कैम्पो में अनेकों प्रकार के जुए चलते हैं। इन जुआघरों में निवेश के चलते यहां के कई लोग उद्योगपति कहलाते हैं। यह लोग अवैध तरीके से कमाये हुए पैसों और पाले हुए गुंडों के जोर पर राजनीतिक दलों में ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठे हैं। सभी तरह के जुए, क्रिकेट मैच  सट्टे में ऐसे लोगों के सामिल होने से जुआघर चालकों को और क्रिकेट मैच सट्टा लगाने वालों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त हो जाता है। अभी कुछ ही दिन हुए चिंचवड़ पुलिस की जांच सुचि में उल्हासनगर से पंद्रह से बीस लोग थे जिनमें कुछेक की गिरफ्तार भी हुई थी जो अब जमानत पर हैं। फिर भी जुआ बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। 

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