मोदी ने मेरे शहर की नाली अभी तक सफा नहीं करवाई।
इस वर्ष बहुत ही गर्मी है, एकबार भी बरसात से पहले
इस वर्ष बहुत ही गर्मी है, एकबार भी बरसात से पहले
वर्षा (प्री मानसून) नहीं करवाई। मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिसने अपनी पार्टी का प्रचार किया वर्ना तो लोग विदेश घुमने निकल जाते हैं। मोदी ऐसे नासमझ हैं जो चुनाव में बिना संगठन के किसी प्रदेश में 3 विधायक सेे 78 विधायक कर जाते हैं। क्या करेंं? वे जीत नहीं पाते हैं न। ऐसा निकम्मा प्रधानमंत्री मैने कभी देखा ही नहीं जो मां बहनो की पीड़ा समझे गांव गांव शौचालय बनवाये। पर्यावरण की चिंता किये बिना गांव की गरीब महिलाओं को रसोई गैस बंटवाते है। किसानों का इनसे बडा़ दुश्मन नहीं कोई, हर तिमाही उनको मुफ्त में रु. दो हजार दे आते हैं। इनकी बेवकूफी का कितना बखान करुं मै, अपने देश में सेना के लिए हथियार बनवाते हैं। खरीदने पर मिलने वाला कमिशन न खाते हैं न खाने देते हैं। रेलवे और सड़क को छोड़ो यह नदियों में राह बनाकर लोगों को आवारा बनाते हैं। करोना की बिमारी चीन से लेकर आ गये पर अब घर घर जाकर टीका भी नहीं लगाते हैं। प्रधानमंत्री बनते ही छीन ली नौकरी सबकी, बने हुए सब एम्स तोड़ डाले प्राणवायु के प्लांट उखाड़ डाले सारे और अब आक्सीजन खुद हीी पी जाते हैं, सब केजरीवाल पाता नहीं आक्सीजन की चिंता में दुबला हुआ जाता है। करोड़ो की वसुली का लक्ष्य निर्धारित करने वाले स्वाभिमानी, गैरतमंदो के आगे मोदी की भला क्या औकात है। ऐसा प्रधानमंत्री मुझे तो नहीं भाता है। जिसको देहाती औरत कोई नहीं बोल पाता है। भारत के कोने-कोने में आतंकवाद फैला था जगह-जगह बम फोड़ेे जा रहेे थे, हर रोज दिवाली जैसा माहोल था जब से यह गंवार अनपढ़ अज्ञानी आया छह वर्ष में एक भी धमाका सुनने को नहीं मिला। मैं तो बहुत परेशान हूँ इस बात से बड़े बड़े पढें लिखों के आगे भाषण कर जाता है और तो और बच्चों को भी परिक्षा के गुर सिखाता है। इसको यह समझ में नहींं आता कि अनपढ़, गरीबों, मजबूरों पर राज करना कितना आसान होता है। पढें लिखे समृद्ध लोगों का हर बार कोई न कोई सवाल होता है। वह कांग्रेस क्या मुर्ख थी जिसने रिश्वत का ऐसा बाजार चलाया डॉक्टर बनने खातिर करोड़ का दांव लगवाया तब जाकर भले अरबों कमाओ पहले हमको कुछ दे जाओ, मेडिकल कालेज में कांग्रेसियों की हिस्सेदारी है। विदेशी बुलेटप्रूफ जाकिट पहनकर सीने में गोली खाकर शहीद हो जाने का मजा ही कुछ और था। अब देशी पहनो न इज्जत न मौत विदेशों से खरीदने पर दलालों को रोजगार मिलता था। यह ऐसा प्रधानमंत्री आया सबको बेरोजगार कर दिया। बस भाई मेरा पहले जैसा था वही ठीक था। बस मुझको यह प्रधानमंत्री नहीं सुहाता बदल दो इसको मुझको ऐसा प्रधानमंत्री नहीं सुहाता है।
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