राम भरोसे उल्हासनगर महानगर पालिका, लोगों को सोचना चाहिए हरे पेड़ काटने से पहले - मदन सोंडे
उल्हासनगर मनपा हद में चल रहे हजारों अवैध निर्माण रोकने में मनपा अधिकारी नाकाम! कई पीपल और बरगद के पेड़ों की चढ़ी बली उनपा उपायुक्त मदन सोंडे से जब पूछा गया सवाल, इतने सारे पेड़ कट रहे हैं तो उन्होंने कहा कि लोगों को सोचना चाहिए पेड़ काटने से पहले, जब कहा गया अवैध बांधकामों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती तो उनके पास जवाब नहीं था!अनिल खतुरानी, उपर अजय ऐडके और उनके नीचे डॉ राजा दयानिधि
उल्हासनगर महानगर पालिका में इस समय अवैध निर्माणों की बहार सी आई हुई है। कितनी ही शिकायतों के बाद भी एक भी अवैध बांधकाम पर कार्रवाई नहीं होती दिखाई दे रही है। सभी प्रभागों के सहायक आयुक्त ऐसा दर्शाते हैं जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं है। पत्रकारों से सीधे बात नहीं करते न ही माकूल जवाब देते हैं। एक दम निडरता के साथ हर अवैध निर्माण से पैसे लेकर अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहे हैं। अवैध तीन मंजिला टियर गाटर शहर के लिए घातक है अगले दस पंद्रह वर्षों में गिरने पर इसकी जवाबदेही कौन लेगा? आयुक्त,उपायुक्त और ठेकेदार तो पैसे कमाकर निकल जायेंगे भुगतना तो आम जनता को पड़ेगा! इस तरह के अवैध बांधकामों को रोकने की दरख्वास्त करने के लिए प्रभाग एक के प्रभाग अधिकारी अजय ऐडके से मुलाकात करने पर उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया और शिकायत करने के लिए कहा। इसी तरह प्रभाग दो के अधिकारी अनिल खतुरानी ने कहा पत्र दिजिए हम उसका लिखित जवाब देंगे। उमनपा उपायुक्त मदन सोंडे तो अपने अधिनस्थ सहयोगियों से भी दो हाथ आगे निकल गये उन्होंने तो पेड़ काटने से पहले काटने वाले को सोचना चाहिए बता दिया। उनको शायद अपनी जिम्मेदारियों का कोई अहसास ही नहीं। वंही आयुक्त डॉ राजा दयानिधि ने तो शायद पैसे कमाने और मनोरंजन के लिए ही उल्हासनगर महानगर पालिका का पदभार संभाला है। उनसे शहरहित के किसी भी कार्य की उम्मीद करना गलत होगा! इस तरह उमनपा शासन प्रशासन शहर को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। यहां यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि उल्हासनगर महानगर पालिका राम भरोसे ही चल रही है। राज्य सरकार शहर वासियों और शहर को लुटता देख रही है।
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