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उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक आर. बी. कदम की हफ्ता वसुली जोरों पर

.                           ACP. D. D. Tele                                   महाराष्ट्र के ठाणे जिला आयुक्तालय के उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक आर. बी. कदम की हफ्ता वसुली जोरों पर उल्हासनगर शहर कैम्प ४ स्थित सतरामदास हास्पीटल के पास रहनेवाले ४ व्यापारियों को बुलवाया और उनको, प्रतिबंधित गुटखा पान मसाला बेंचने के आरोप में जेल में डालने की धमकी देकर वसूले रुपये ३ लाख ५० हजार।.   बतादें कुछ दिन पहले उल्हासनगर पुलिस ने उल्हासनगर कैम्प क्र.२ में प्रतिबंधित गुटखा पान मसाला बेंचने के आरोप में सुजीत कुकरेजा को पकड़ा और उसपर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया परंतु उल्हासनगर पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक आर. बी. कदम को अपेक्षाकृत आमदनी नहीं हुई क्योंकि सुजीत इससे पहले भी गुटखा बेंचने के आरोप में कई बार गिरफ्तार हो चुका है और उसे अंदर-बाहर से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता इसलिए वह अपेक्षाकृत रकम पुलिस को देने से इंकार कर दिया। व्यापारियों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर हमें बताया कि, उल्हासनगर ४ स्थित सतरामदास हास्पीटल के पास रहने वाले कथित ४ गुटखा व्यापारियों को पकड़ा और उन्हें २१ जुलाई 2020 को उल्हासनगर पुलिस स्टेशन ले आये यंहा यह जानना जरूरी है, कि उल्हासनगर ४ सतरामदास हास्पीटल का यह क्षेत्र विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में आता है। लाये गये चारों लोगों से कहा तुम लोग सुजीत कुकरेजा को प्रतिबंधित गुटखा बेंचते हो ऐसा हमें सुजीत ने बताया है, इसलिये तुम लोगों पर अवैध गुटखा विक्री का मामला दर्ज होगा और तुम्हें जेल जाना होगा वर्ना तुम चारो मिलकर ५ लाख रुपए हमारे साहब को दो ऐसा सोनार नामक पुलिसकर्मी ने कहा। व्यापारियों के लाख मना करने पर पुलिस वाले नहीं माने और उन चारों को पुलिस स्टेशन में पड़ी एक बेंच पर बैठा दिया गया।आखिर में थक हार कर कथित गुटखा व्यापारियों ने ३ लाख ५० हजार में मामला तंय कर लिया और चारों ने अपने-अपने घरों से अपने हिस्से के रुपये मंगाकर पुलिस को ३ लाख ५० हजार रुपये दिये तब उल्हासनगर पुलिस ने उन्हें बिना कोई मामला दर्ज किए ही छोड़ दिया। बतादें हमनें अपने अग्निपर्व टाइम्स बेबसाइट पर लिखा था किस तरह विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में कार्यरत पुलिसकर्मियों ने सहपुलिस उपायुक्त डी.डी.टेले के मार्गदर्शन में ५,००,०००/ लेकर पत्रकार गौतम वाघ सहित चार लोगों पर भा.द.सं.३९५ (डकैती) के तहत मामला दर्ज कर हवालात में डाल दिया गया जहाँ आरोपी कोवीड-१९ संक्रमित हो गये और उनकी जान पर बन आई। शहर में लगभग सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं, कई संस्थाओं और समाज सेवकों के होने के बावजूद किसीने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। ऐसा लगता है उल्हासनगर शहर के नेताओं और समाजसेवियों का भ्रष्टाचार को मूक समर्थन प्राप्त है। इसलिए पुलिस प्रशासन का मनोबल बढ़ा हुआ है और फिर एक बार उसी तरह के मामले को दुहराने की हिम्मत की। क्या कभी पुलिसिया भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा यह एक सवाल बनकर रह गया है।. 

पता लगने पर हमने उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में फोन किया वंहा उपस्थित पुलिसकर्मी वालिव ने बताया जांच रातांंबे साहब कर रहे हैं वे आज हैं नहीं जांच जारी है अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है चार लोग बैठे हैं। 

पाठकों से अनुरोध हैं पढ़े और पढ़कर सुझाव दें और आगे बढ़ाएं ताकि सरकार तक मामला पहुंचे और भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो।

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