ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में जगह जगह जंहा भी मांस बिकता है वंहा जानवर को काटने के बाद एक हुक में सरेआम लटका दिया जाता है जिससे खून और पानी टपकता रहता है और मांस पर सैकड़ों मक्खियाँ बैठी रहती हैं। जो तरह तरह के विषाणु और किटाणु लाकर मांस पर छोड़ती हैं।
क्या इस तरह मांस बेंचना जायज है। कई बार वंहा से गुजरने वालों का मन खराब हो जाता है और उनको उल्टी तक हो जाती है। यह शहाड स्टेशन का मुख्य रास्ता है जंहा से लोकल ट्रेन पकड़ने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते-जाते हैं और ऐसा नहीं की सभी लोग मांसाहारी हैं। तो उनका ख्याल रखते हुए मांस किसी कपड़े में लपेटकर या फिर किसी ठंडे डब्बे में रखकर भी बेंचा जा सकता है। परंतु मांस विक्रेताओं की दबंगई इतनी है की वे किसी की परवाह नही करते और खुलेआम मांस के लोथड़े को लटकाकर नुमाइश करते हुए बेंचते हैं।
उल्हासनगर महानगर पालिका में कई बार शिकायत के बाद भी ऐसे दबंग मांस विक्रेताओं पर कार्रवाई नहीं होती। क्या ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में और लोगों को अपनी तरह से जीने का अधिकार नहीं है।क्या महानगर पालिका और पुलिस प्रशासन यह चाहता है कि आम लोग खुद आकर दुकान में मारपीट और तोड़ फोड़ करे और इस नुमाइश को बंद करायें, आज कोरोना जैसी घातक महामारी फैली हुई है। जिसका इलाज करने के लिए कोई कारगर दवा उपलब्ध नहीं है परंतु ऐसे में भी खुलेआम मांस लटकाकर बेंचा जा रहा है। ऐसे लोगों पर कब सख्त कार्रवाई होगी इसके इंतजार में उल्हासनगर के शहर वासी।

1 टिप्पणियाँ
Kisi jiv ko marna pap to hai hi usse bhi bada pap hai uski mrit sarir ko sare aam tang kr usse bechna 😢😢😢😢
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