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क्या भ्रष्टाचारी नोडल अधिकारी गणेश शिंपी के भ्रष्टाचार को बंद कर पायेंगे आयुक्त विकास ढाकणे??

   उल्हासनगर मनपा पर भरोसा नहीं, अवैध निर्माणों पर कार्यवाही न करने से भरोसा उठा!! 


      उल्हासनगर मनपा आयुक्त विकास ढाकणे 

उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र में सड़कों पर हुए अतिक्रमण पर कार्यवाही परंतु अवैध निर्माणों पर उदासीन है। सड़कों पर अतिक्रमण से जहाँ राहगीरों तथा वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो वहीं अवैध निर्माणों से मनपा की तिजोरी के साथ-साथ शहर का वातावरण और पर्यावरण दूषित हो रहा है, परंतु मनपा आयुक्त इस ओर से अनभिज्ञ हैं। 

                 भ्रष्ट नोडल अधिकारी व सहायक आयुक्त गणेश शिंपी 

मनपा आयुक्त विकास ढाकणे को सड़कों पर का अतिक्रमण दिखाई दे गया परंतु अनको खबरों और शिकायतों के बाद भी शहर में चल रहा अवैध बांधकाम दिखाई नहीं दे रहा है। इससे यह अनुभूति हो रही है कि अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने वाले और संरक्षण करने वाले गणेश शिंपी ने अवैध निर्माणों से उत्पन्न मलाई विकास ढाकणे को भी चटा दिया है। यही कारण है कि विकास ढाकणे को शहाड परिसर व शहर के अन्य भागों में चल रहा अवैध निर्माण दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने सड़कों पर के अतिक्रमण हटाने का मुहिम यातायात विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रुप से शुरू किया, परंतु अवैध बांधकाम तोड़ने की मुहिम कब शुरू करेंगे लोग यह जानना चाहते हैं। लोग कह रहे हैं कहीं अवैध कमाई के लिए तो यह नहीं मुहिम शुरू की गई है। दो दिन से जारी कार्रवाई से अतिक्रमण करने वालों के होश तो उड़े हुए हैं। परंतु यह समझ नहीं आ रहा है कि ठेला गाड़ी और फेरीवालों से 40 और 20 रुपये क्यों लिया जा रहा है ? जबकि मनपा अब तक फेरीवाला क्षेत्र स्थापित नहीं कर पायी है। जिस गणेशशिंपी को नोडल अधिकारी बनाया गया था अवैध निर्माण रोकने के लिए वह प्रति अवैध निर्माण 50 हजार रुपये रिश्वत लेकर संरक्षण देता है। कल्याण अंबरनाथ रोड पर सड़क पर वाहन खड़े कर बाजार लगाये जाने का भी हफ्ता हर महीने वसूल करता है। नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त गणेश शिंपी, जिस शिंपी पर दर्जन भर से ज्यादा गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं तो वहीं दर्जनों अर्जियां भी दाखिल हैं। विधायक कुमार आयलानी ने भी लिखित शिकायत किया था।लेकिन जब शासन प्रशासन में बैठे लोगों को अवैध कमाई का चस्का लग जाता है। तब उनको गणेश शिंपी जैसे अय्याश व भ्रष्ट कर्मचारियों की ही आवश्यकता होती है। जो उनको कमाकर दें फिर उनका सरोकार जनता व शहर की समस्याओं से नहीं होता है वे हर जगह कमाई ही देखते हैं। शहर में लगभग सभी सड़कों किनारे अवैध पार्किंग और गाड़ियों की मरम्मत के लिए बनाए गए गैरेज के साथ ही सड़क पर अवैध सर्विस स्टेशन जो गाड़ियां धोकर सड़क को ही गंदा नहीं करते बल्कि राहगीरों के कपड़े भी भिगोते हैं। कभी-कभी तो ऐसा माहौल बनता है मारपीट की नौबत आ जाती है। परंतु इस ओर न मनपा ध्यान देने को तैयार है और न ही पुलिस प्रशासन। यही कारण है कि लोगों को उल्हासनगर मनपा के किसी काम पर लोग भरोसा नहीं करते। इसीलिए लोग कह रहे हैं यातायात बाधित दिखाकर अवैध वसुली की जा रही है न की जनहित में कार्य हो रहा है। मनपा सूत्रों ने बताया की कार्यवाही से डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया और अतिक्रमणकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे दोबारा अतिक्रमण न करें। उल्हासनगर महानगर पालिका और यातायात पुलिस विभाग ने शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के उद्देश्य से संयुक्त रुप से यह कार्यवाही शुरू की है। अभियान पिछले दो दिनों से चल रहा है, जिसमें मुख्य सड़कों पर लगे ठेले तथा अवैध पार्किंग को हटाया जा रहा है। सड़क किनारे लगे फल, सब्जी के ठेले, दुकानों और ट्रकों की पार्किंग के कारण अंबरनाथ, बदलापुर रोड, हिराघाट परिसर, शांतिनगर, शहाड फाटक, विट्ठलवाड़ी जैसी प्रमुख सड़कों पर आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है। 

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