उल्हासनगर : महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में करोड़ो रुपये खर्च करके बनायी गयी सड़कें बन गयी हैं, वाहन स्थल (Vehicle Parking) जिससे नागरिकों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों में उमनपा व यातायात विभाग के खिलाफ काफी रोष नजर आ रहा है। आयुक्त राजा दयानिधी, महापौर लिलाबाई आसान
सड़कों के दोनों ओर वाहन खड़े होने से सड़कों पर जाम की स्थिति का निर्माण होने के कारण यहां के लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। अस्पतालों तक रोगियों को ले जाने वाले वाहन समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते जिसके कारण मरीजों की रास्ते में ही मौत हो जाती है। सड़कों पर दोतरफा कार टेम्पों रिक्शा पार्किंग के अलावा फेरीवालों के ठेलों के कारण सड़कें चलने लायक नहीं रह गई हैं, उस पर सोने पर सुहागा तब होता है जब इन्हीं सकरी सड़कों को रोककर भारी वाहन (ट्रांसपोर्ट) लदा हुआ सामान उतारने लगते हैं। वह भी लोगों के आवागमन के समय पर। सड़कों पर से अवैध पार्किंग हटाने में व जाम खत्म करने में यातायात विभाग नाकाम नजर आ रहा है।
वाहनस्थल (Parking) बनाने में नाकाम उमनपा
उल्हासनगर शहर के विकास का दम भरने वाले नेता शहर में माकूल वाहन स्थल बनवा पाने में नाकाम रहे हैं। वहीं शहर में लगभग हर नागरिक के पास दो पहिया या चार पहिया वाहन है, परंतु लोगों के पास माकूल वाहनस्थल (Parking) न होने से वाहन सड़कों पर खड़े रहते हैं। वंही कई इमारतों के रहवासियों ने इमारतों में बने वाहनस्थल को दुकानों या रहवासी घरों में तब्दील कर दिया है। इस अवैध कार्य में नगर सेवक और उमनपा प्रशासन ने उनका बराबर साथ दिया है। जिसके कारण ऐसे कूकृत्य में लोग सफल हो पाये।
उल्हासनगर शहर के विकास का दम भरने वाले नेता शहर में माकूल वाहन स्थल बनवा पाने में नाकाम रहे हैं। वहीं शहर में लगभग हर नागरिक के पास दो पहिया या चार पहिया वाहन है, परंतु लोगों के पास माकूल वाहनस्थल (Parking) न होने से वाहन सड़कों पर खड़े रहते हैं। वंही कई इमारतों के रहवासियों ने इमारतों में बने वाहनस्थल को दुकानों या रहवासी घरों में तब्दील कर दिया है। इस अवैध कार्य में नगर सेवक और उमनपा प्रशासन ने उनका बराबर साथ दिया है। जिसके कारण ऐसे कूकृत्य में लोग सफल हो पाये।
सड़कों पर खड़े वाहनों को देना होगा पार्किंग चार्ज
उल्हासनगर महानगरपालिका विकास में तो पीछे है परंतु भ्रष्टाचार में अव्वल है। सत्ताधारी हो या उमनपा अधिकारी
सभी को भ्रष्टाचार करने के लिए रुपयों की कमी पड़ रही है।इस कमी की पूर्ति के लिए पहले सड़क पर फेरी करने वाले ठेलागाड़ी वालों से 40 रुपया प्रतिदिन और टोकरी रखकर बेचने वालों से प्रति टोकरी 10 रुपयों की वसूली शुरू किया।अब नया तुगलकी फरमान आया है कि सड़कों पर खड़े दो पहिया चार पहिया वाहनों से सड़कों पर खड़ा रहने का दाम वसूला जायेगा। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उमनपा में बैठे लोग लोगों के सुख सुविधाओं के लिए नहीं बैठे हैं। सिर्फ जनता का दोहन ज्यादा से ज्यादा कैसे कर सकें और भ्रष्टाचार कर अपना घर भर सकें इसीलिए बैठे हैं।
अब देखना यह होगा कि शहर के विकास का दम भरने वाले तथाकथित नेता शहर को कभी माकूल वाहन स्थल दे पायेंगे या फिर विकास के झूंठे वादे ही करते रहेंगे।
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