सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होगी कार्रवाई पर कब होगी पता नहीं? प्रियंका राजपूत दे रही हैं अवैध निर्माण करने की इजाजत!
उल्हासनगर : ठाणे के उल्हासनगर महानगर पालिका प्रभाग-1, प्रभाग अधिकारी की रुपयों की भूख इतनी बढ़ गई है कि वे खुली जगहों को कब्जा कर उन पर बनवा रहे हैं, अवैध, गैरकानूनी दुकान व मकान, सी ब्लाक रोड पर बिना प्लान आरसीसी, सी ब्लाक के ही बिजलीघर के सामने टीयर गाटर के एक बड़े अवैध मकान का निर्माण पूरे जोर शोर से चल रहा है। लगता है पूरे शहर को अवैध करकर ही दम लेंगी उल्हासनगर मनपा उपायुक्त प्रियंका राजपूत और प्रभाग - 1 के प्रभारी सहायक आयुक्त गणेश शिंपी!
उपायुक्त प्रियंका राजपूत
उल्हासनगर मनपा हद में अवैध निर्माण करना अब आम बात हो गई है। कितनी ही शिकायतें हों, भलेही सांसद अवैध निर्माण को रोकने और कार्यवाही करने की बात कह रहे हो परंतु आयुक्त द्वारा निर्मित टीम ने किसी की नहीं सुनेंगे ऐसा ठान लिया है। भले ही समाचार पत्रों में खबर छपे पर शासन प्रशासन और आयुक्त पूरी तरह से बेशर्मी पर उतारु हैं। उनपर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। यही कारण है कि पूरा शहर अवैध बांधकामों से पटा जा रहा है। उमनपा आम सभा में इस मुद्दे को कोई नगरसेवक-सेविका नहीं उठा रहा, रही है, इससे साफ जाहिर होता है कि सभी पार्टियों और नेताओं का इन अवैध निर्माणों से वास्ता है। यही नहीं मंत्री, मंत्रालय तक अवैध निर्माणों से होनेवाली आय का पैसा पहुंच रहा है ऐसा कहा जाता है। यही कारण है कि दर्जनों बार अवैध निर्माण के बारे में लिखने के बावजूद एक भी अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं हो रही, पिछले दिनों उपायुक्त प्रियंका राजपूत ने डींगें मारते हुए कहा था कि हम रविवार के दिन भी काम करते हैं। परंतु खुसुर-पुसुर होने लगी की उस अवैध निर्माण से गणेश शिंपी को रुपया नहीं पहुंचा था, इसलिए डराने के लिए दिखावे की कार्रवाई की गयी थी। वह अवैध निर्माण फिर बनकर खड़ा हो गया।
गणेेश शिंपी
गणेेश शिंपी
उल्हासनगर प्रभाग समिति-1 के अंतर्गत आने वाले सी ब्लाक रोड पर भंगार वालों के बगल में एक बड़ा आरसीसी बांधकाम चल रहा है। तो वंही 'ए' बलाक रोड से पोस्ट आफिस जाते समय मौर्या बंगले के पीछे बेकरी के सामने खाली पड़ी जमीन को कब्जा कर तीन अवैध टियर गाटर दुकाने और ऊपर रहवासी मकान बनाया जा रहा है। तो वंही इंदिरा गांधी नगर लाईट आफिस के सामने, ब्लाक 'ए' 7 के सामने उल्हासनगर-1, जिस मकान के मालिक शिवपूजन हैं और ठेकेदार महेश, दोनों मिलकर कर रहे हैं, अवैध टियर गाटर मकान का निर्माण 'ए' ब्लाक से 1 नंबर पोस्ट रास्ते पर अवैध बांधकाम
'सी' ब्लाक का आरसीसी
सासंद श्रीकांत शिंदे के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी अवैध बांधकाम शुरू हुआ है। इससे आप समझ सकते हैं। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। उमनपा आयुक्त राजा दयानिधी और उपायुक्त प्रियंका राजपूत ने अपने कार्यकलापों से यह दर्शा दिया है कि जनता का मन रखने के लिए सांसद महोदय ने अवैध निर्माण रोकने और निष्कासित करने के लिए कहा है, उनका मन भी नहीं है। उल्हासनगर शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी साहब कहते हैं लोग शिवसेना महापौर पर अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने का इल्ज़ाम लगाते हैं। जबकि अवैध निर्माण रोकना मनपा आयुक्त का काम है तो जनता जानना चाहती है, महापौर के काम क्या है? महापौर आयुक्त पर अंकुश नहीं लगा सकती, आयुक्त का भ्रष्टाचार नहीं रोक सकती तो वे हैं किस लिए, लगे हाथ यह भी बता देना चाहिए था।
बतादें जिस गणेश शिंपी को शहर बर्बाद करने के लिए महापौर और आयुक्त ने नियुक्त कर रखा है, वह तत्कालीन उमनपा आयुक्त के लिपिक पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार विरोधी पथक द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था, उस पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा १९८८ की कलम ६,(१३)(१)(ड)(२) के तहत, पंजिकरण संख्या २, दिन. १५/२०१३ सत्र न्यायालय में विचाराधीन है। इसके के बावजूद शिंपी उल्हासनगर 1 से 5 नंबर तक अवैध बांधकाम से वसुली कर रहा है। यही नहीं शिंपी पर महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ और उस महिला के भाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में अपराध सं.क्र.१, १४८/२०११ भादसं की धारा ३०६/३४ के तहत दर्ज है। इसके अलावा अपराध रजि.क्र.१, १७७/२०११ में भादसं की धारा ३५४, ५०९ ५०४,५०६/३४ और अ.जा.ज.अधि. १९८९ की धारा ३ (१)(१०)(११)(१२) २(७) जैसे कई संगीन अपराध दर्ज हैं। फिर भी शिंपी को निलंबित करने के बजाय प्रभारी सहायक आयुक्त जैसा बड़ा पद भ्रष्टाचार करने के लिए दिया गया है। यह शासन प्रशासन और जनता के लिए शर्म की बात है। अब देखना यह है कि नगर विकास मंत्री, आयुक्त, महापौर और उमनपा नगरसेवकों को कब शर्म आती है।
सासंद श्रीकांत शिंदे के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी अवैध बांधकाम शुरू हुआ है। इससे आप समझ सकते हैं। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। उमनपा आयुक्त राजा दयानिधी और उपायुक्त प्रियंका राजपूत ने अपने कार्यकलापों से यह दर्शा दिया है कि जनता का मन रखने के लिए सांसद महोदय ने अवैध निर्माण रोकने और निष्कासित करने के लिए कहा है, उनका मन भी नहीं है। उल्हासनगर शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी साहब कहते हैं लोग शिवसेना महापौर पर अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने का इल्ज़ाम लगाते हैं। जबकि अवैध निर्माण रोकना मनपा आयुक्त का काम है तो जनता जानना चाहती है, महापौर के काम क्या है? महापौर आयुक्त पर अंकुश नहीं लगा सकती, आयुक्त का भ्रष्टाचार नहीं रोक सकती तो वे हैं किस लिए, लगे हाथ यह भी बता देना चाहिए था।
बतादें जिस गणेश शिंपी को शहर बर्बाद करने के लिए महापौर और आयुक्त ने नियुक्त कर रखा है, वह तत्कालीन उमनपा आयुक्त के लिपिक पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार विरोधी पथक द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था, उस पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा १९८८ की कलम ६,(१३)(१)(ड)(२) के तहत, पंजिकरण संख्या २, दिन. १५/२०१३ सत्र न्यायालय में विचाराधीन है। इसके के बावजूद शिंपी उल्हासनगर 1 से 5 नंबर तक अवैध बांधकाम से वसुली कर रहा है। यही नहीं शिंपी पर महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ और उस महिला के भाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में अपराध सं.क्र.१, १४८/२०११ भादसं की धारा ३०६/३४ के तहत दर्ज है। इसके अलावा अपराध रजि.क्र.१, १७७/२०११ में भादसं की धारा ३५४, ५०९ ५०४,५०६/३४ और अ.जा.ज.अधि. १९८९ की धारा ३ (१)(१०)(११)(१२) २(७) जैसे कई संगीन अपराध दर्ज हैं। फिर भी शिंपी को निलंबित करने के बजाय प्रभारी सहायक आयुक्त जैसा बड़ा पद भ्रष्टाचार करने के लिए दिया गया है। यह शासन प्रशासन और जनता के लिए शर्म की बात है। अब देखना यह है कि नगर विकास मंत्री, आयुक्त, महापौर और उमनपा नगरसेवकों को कब शर्म आती है।
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