सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बॉम्बे हाई कोर्ट की आलोचना भी की है. कोर्ट ने कहा, 'हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज करते वक्त इस तथ्य की अनदेखी कि FIR में दिए गए तथ्यों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मामला नहीं बनता.'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट का दायित्व बनता है कि वो राज्यों को आपराधिक कानूनों का इस्तेमाल नागरिकों को परेशान करने या उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के हनन के लिए न करने दे. हाई कोर्ट और निचली अदालतें ये सुनिश्चित करें कि उनके यहां लंबित जमानत अर्जी पर जल्द फैसला हो.
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